मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का किया था स्वागत, इंदौर कांग्रेस जिला और शहर अध्यक्ष हुए निलंबित
इंदौर. मध्य प्रदेश के इंदौर से बड़ी खबर है. कुछ दिनों पहले कांग्रेस पदाधिकारियों ने ऑफिस आए कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का स्वागत किया था. इसे लेकर पार्टी ने पदाधिकारियों पर कड़ा एक्शन लिया है. कांग्रेस ने शहर अध्यक्ष सूरजीत चड्ढा और जिला अध्यक्ष सदाशिव यादव को निलंबित कर दिया है. पार्टी ने दोनों पदाधिकारियों को पहले कारण बताओ नोटिस जारी किया. उसके बाद जब संतुष्ट जवाब नहीं मिला तो पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया. कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने नोटिस में लिखा था कि इंदौर को देश-दुनिया में शर्मसार करने वाले व्यक्तियों का स्वागत सत्कार करना अनुशासनहीनता है. अब इस मामले पर राजनीति शुरू हो गई है.
कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने कहा कि इंदौर के दोनों नेता पार्टी से निलंबित हैं. उन्हें नोटिस दिया गया है और निलंबित भी किया गया है. उनसे अनुशासनहीनता को लेकर जवाब मांगा गया था. नायक ने कहा कि लोकतंत्र की हत्या करने वालों को कार्यालय में बुलाकर सौजन्यता की क्या आवश्यकता है. पार्टी ने यह कार्रवाई सोच-समझकर की है. इधर, भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व उपाध्यक्ष सुमित मिश्रा ने कहा कि सुरजीत सिंह के बहाने कांग्रेस फिर से सिख समाज से बदला ले रही है. जीतू पटवारी और कांग्रेस के निशाने पर सुरजीत नहीं सिख समाज है.
इस पर बीजेपी ने तंज कसा है. बीजेपी पदाधिकारी ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘अजब कांग्रेस- गजब कांग्रेस. इंदौर के शहर व ग्रामीण अध्यक्ष को 20 जुलाई को निलंबन के नोटिस जारी , किसी को कानों-कान खबर नहीं. निलंबन की अवधि में दोनों पदों पर रहकर काम भी करते रहे, नोटिस मिलने का मना भी करते रहे. 7 दिन की अवधि भी समाप्त हो गई , आज नोटिस सामने आए. क्या जवाब दिया, उसके बाद क्या निर्णय हुआ, किसी को पता नहीं. जीतू पटवारी का खेला. प्रभारी जितेन्द्र भंवर सिंह , नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और पोलिटिकल अफेयर्स कमेटी के सदस्यों के साथ. गुटबाजी- अंतर्कलह, निष्क्रियता, असफलता जैसे कई कारण. सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए विषय बदलने का प्रयास.’