नई तबादला नीति तैयार, मुख्यमंत्री के अनुमोदन का इंतजार
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भोपाल। प्रदेश में नई तबादला नीति बनकर तैयार हो गई। मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद इसे जारी किया जाएगा। नई तबादला नीति के तहत 15 अगस्त से पंद्रह दिनों के लिए तबादलों से लगा बैन हट जाएगा।
लंबे समय से तबादला नीति का इंतजार किया जा रहा था। सामान्य प्रशासन विभाग ने नई तबादला नीति तैयार कर ली है। इस नीति को मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद से जारी कर दिया जाएगा। माना जा रहा है कि कैबिनेट बैठक में इसे लाकर मंजूरी दे जाएगी। सूत्रों की माने तो नई तबादला नीति के तहत 15 अगस्त से प्रदेश में लगा तबादलों पर बैन हटा दिया जाएगा। यह बैन पंद्रह दिनों तक के लिए हटाया जाएगा। बताया जा रहा है कि नई तबादला नीति में पहले की ही तरह प्रभारी मंत्रियों को जिले के अंदर तबादला करने का अधिकार होगा। नई तबादला नीति में उच्च अधिकारियों के तबादले मुख्यमंत्री की सहमति के बाद ही होना तय किया गया है। सभी तबादले प्रशासनिक और स्वच्छिक आधार पर किए जाएंगे।
मंत्रियों को मिलेगा जिलों का प्रभार
नई तबादला नीति घोषित होते ही मंत्रियों को जिलों का प्रभार भी मिल जाएगा। सात माह से मंत्री जिलों के प्रभार का इंतजार कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो तबादला नीति पर अनुमोदन देने के पूर्व मुख्यमंत्री मंत्रियों को जिलों का प्रभार आवंटित कर सकते हैं। इसके पीछे वजह है कि तबादला नीति में जिलों में प्रभारी मंत्रियों की सहमति जरूरी है।
लंबे समय से तबादला नीति का इंतजार किया जा रहा था। सामान्य प्रशासन विभाग ने नई तबादला नीति तैयार कर ली है। इस नीति को मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद से जारी कर दिया जाएगा। माना जा रहा है कि कैबिनेट बैठक में इसे लाकर मंजूरी दे जाएगी। सूत्रों की माने तो नई तबादला नीति के तहत 15 अगस्त से प्रदेश में लगा तबादलों पर बैन हटा दिया जाएगा। यह बैन पंद्रह दिनों तक के लिए हटाया जाएगा। बताया जा रहा है कि नई तबादला नीति में पहले की ही तरह प्रभारी मंत्रियों को जिले के अंदर तबादला करने का अधिकार होगा। नई तबादला नीति में उच्च अधिकारियों के तबादले मुख्यमंत्री की सहमति के बाद ही होना तय किया गया है। सभी तबादले प्रशासनिक और स्वच्छिक आधार पर किए जाएंगे।
मंत्रियों को मिलेगा जिलों का प्रभार
नई तबादला नीति घोषित होते ही मंत्रियों को जिलों का प्रभार भी मिल जाएगा। सात माह से मंत्री जिलों के प्रभार का इंतजार कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो तबादला नीति पर अनुमोदन देने के पूर्व मुख्यमंत्री मंत्रियों को जिलों का प्रभार आवंटित कर सकते हैं। इसके पीछे वजह है कि तबादला नीति में जिलों में प्रभारी मंत्रियों की सहमति जरूरी है।