रातापानी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी बनेगा प्रदेश का आठवां टाइगर रिजर्व
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भोपाल। रातापानी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को प्रदेश का आठवां टाइगर रिजर्व बनाया जाएगा। जिसकी घोषणा सरकार 29 जुलाई को करने जा रहे है। बता दें कि मोहन सरकार ने रातापानी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को टाइगर रिजर्व बनाने के प्रस्ताव को पहले ही मंजूरी दे दी है। अब बस औपचारिक घोषणा होनी बाकी है।
29 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय टाइगर दिवस मनाया जाता है। इस खास दिवस पर सरकार प्रदेश को आठवें टाइगर रिजर्व की सौगात देने जा रहे है। जानकारी के अनुसार सोमवार 29 जुलाई को भोपाल के मिंटो हॉल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डा मोहन यादव इस बात की घोषणा कर सकते है। रातापानी टाइगर रिजर्व सीहोर और रायसेन जिले के बीच स्थित है।
गौरतलब है कि रातापानी को टाइगर रिजर्व बनाने का प्रस्ताव 16 साल से लंबित था। अधिकारियों के मुताबिक, नया टाइगर रिजर्व बनने से भोपाल को एक नई पहचान मिलेगी. भोपाल और औबेदुल्लागंज को आर्थिक रूप से फायदा होगा, क्योंकि यहां टूरिस्ट की संख्या बढ़ जाएगी। इसके अलावा रातापानी रिजर्व के लिए केंद्र सरकार 60 फीसदी और राज्य सरकार 40 फीसदी अलग से बजट देगी।
45 से अधिक हैं बाघ
रातापानी सेंचुरी में 45 बाघ, 300 तेंदुए, 10 हजार चीतल और सांभर भी है। साथ ही 185 प्रजाति के पक्षी व 45 तरह की तितलियों की प्रजाति पाई गई है। यहां की जैव विविधिता अन्य टाइगर रिजर्व से बेहतर है। इसका खुलासा वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट के अध्ययन में हुआ है। यदि बात करें रातापानी लेंड स्केप की तो यहां पर 2022 की गणना में 96 बाघों की उपस्थिति की पुष्टि हुई। यह स्थिति किसी भी टाइगर रिजर्व जैसी ही है।
29 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय टाइगर दिवस मनाया जाता है। इस खास दिवस पर सरकार प्रदेश को आठवें टाइगर रिजर्व की सौगात देने जा रहे है। जानकारी के अनुसार सोमवार 29 जुलाई को भोपाल के मिंटो हॉल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डा मोहन यादव इस बात की घोषणा कर सकते है। रातापानी टाइगर रिजर्व सीहोर और रायसेन जिले के बीच स्थित है।
गौरतलब है कि रातापानी को टाइगर रिजर्व बनाने का प्रस्ताव 16 साल से लंबित था। अधिकारियों के मुताबिक, नया टाइगर रिजर्व बनने से भोपाल को एक नई पहचान मिलेगी. भोपाल और औबेदुल्लागंज को आर्थिक रूप से फायदा होगा, क्योंकि यहां टूरिस्ट की संख्या बढ़ जाएगी। इसके अलावा रातापानी रिजर्व के लिए केंद्र सरकार 60 फीसदी और राज्य सरकार 40 फीसदी अलग से बजट देगी।
45 से अधिक हैं बाघ
रातापानी सेंचुरी में 45 बाघ, 300 तेंदुए, 10 हजार चीतल और सांभर भी है। साथ ही 185 प्रजाति के पक्षी व 45 तरह की तितलियों की प्रजाति पाई गई है। यहां की जैव विविधिता अन्य टाइगर रिजर्व से बेहतर है। इसका खुलासा वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट के अध्ययन में हुआ है। यदि बात करें रातापानी लेंड स्केप की तो यहां पर 2022 की गणना में 96 बाघों की उपस्थिति की पुष्टि हुई। यह स्थिति किसी भी टाइगर रिजर्व जैसी ही है।