भले ही कर्ज ले लेना, जमीन मत बेचना
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मुख्यमंत्री ने किया किसानों से आह्वान
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बदलते हालातों की चर्चा करते हुए किसानों से कहा है कि अब वे अपनी जमीन नहीं बेचें। अब जमीन से उनकी आय बढ़ने वाली है। मुख्यमंत्री ने किसानों से आह्वान किया कि वे जरूरत पड़े तो कर्ज ले लें, मगर जमीन को ना बेचें।
मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने भोपाल में आत्मनिर्भर पंचायत समृद्ध मध्यप्रदेश कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य की बदलती तस्वीर का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि किसानों को खेती के लिए पर्याप्त पानी मिले, इसके प्रयास किया जा रहे हैं। वहीं पशुपालन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे किसानों की आय बढ़ेगी, इसलिए किसानों को अब जमीन नहीं बेचना चाहिए, भले ही जरूरत पड़ने पर वे कर्ज ले लें। मुख्यमंत्री ने भारत को उसके गांवों से ही समझा जा सकता है। यह बात सही है कि गांव में भी शहर का असर पहुंच रहा है। लेकिन हजार साल तक गुलामी के बावजूद गांव की हकीकत व परिवेश नहीं बदला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य को केन-बेतवा लिंक परियोजना, पार्वती-कालीसिंध परियोजना जैसी सौगात मिली है। इससे किसानों को भरपूर मात्रा में सिंचाई के लिए पानी मिलेगा और आय बढ़ेगी। वहीं पशुपालन को बढ़ावा देने के प्रयास चल रहे हैं।
दूध पर बोनस देने की तैयारी
आवारा गोवंश के लिए सरकार की ओर से बनाई जा रही गौशालाओं की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में गायों के लिए कांजी हाउस बनाए गए हैं, वास्तव में यह जेल है। राज्य सरकार ने गौशालाएं बनाने का फैसला लिया है। गायों के चारे के लिए प्रतिदिन 40 रुपये का प्रावधान किया जा रहा है, वहीं जो किसान परिवार 10 से ज्यादा गायों का पालन करते हैं, उन्हें और भी लाभ मिलेगा। दूध पर भी बोनस देने की तैयारी की जा रही है।
विकसित किए जाएंगे आयुर्वेदिक केन्द्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर है, यहाँ आयुर्वेदिक औषधियों की भी भरपूर सम्पदा है। प्रदेश में आयुर्वेदिक केन्द्र भी विकसित किए जाएंगे। प्रदेश में लघु, कुटीर उद्योग तथा बहनों के स्व-सहायता समूहों के उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने व आय में वृद्धि के लिए हरसंभव व्यवस्था की जाएगी। प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप किसान, महिला, युवा और गरीब को जोड़ते हुए, उन्हें सशक्त बनाते हुए मध्यप्रदेश आगे बढ़ेगा, पंचायतें भी आत्मनिर्भर होंगी और प्रदेश की समृद्धि को बढ़ाएंगी।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बदलते हालातों की चर्चा करते हुए किसानों से कहा है कि अब वे अपनी जमीन नहीं बेचें। अब जमीन से उनकी आय बढ़ने वाली है। मुख्यमंत्री ने किसानों से आह्वान किया कि वे जरूरत पड़े तो कर्ज ले लें, मगर जमीन को ना बेचें।
मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने भोपाल में आत्मनिर्भर पंचायत समृद्ध मध्यप्रदेश कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य की बदलती तस्वीर का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि किसानों को खेती के लिए पर्याप्त पानी मिले, इसके प्रयास किया जा रहे हैं। वहीं पशुपालन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे किसानों की आय बढ़ेगी, इसलिए किसानों को अब जमीन नहीं बेचना चाहिए, भले ही जरूरत पड़ने पर वे कर्ज ले लें। मुख्यमंत्री ने भारत को उसके गांवों से ही समझा जा सकता है। यह बात सही है कि गांव में भी शहर का असर पहुंच रहा है। लेकिन हजार साल तक गुलामी के बावजूद गांव की हकीकत व परिवेश नहीं बदला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य को केन-बेतवा लिंक परियोजना, पार्वती-कालीसिंध परियोजना जैसी सौगात मिली है। इससे किसानों को भरपूर मात्रा में सिंचाई के लिए पानी मिलेगा और आय बढ़ेगी। वहीं पशुपालन को बढ़ावा देने के प्रयास चल रहे हैं।
दूध पर बोनस देने की तैयारी
आवारा गोवंश के लिए सरकार की ओर से बनाई जा रही गौशालाओं की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में गायों के लिए कांजी हाउस बनाए गए हैं, वास्तव में यह जेल है। राज्य सरकार ने गौशालाएं बनाने का फैसला लिया है। गायों के चारे के लिए प्रतिदिन 40 रुपये का प्रावधान किया जा रहा है, वहीं जो किसान परिवार 10 से ज्यादा गायों का पालन करते हैं, उन्हें और भी लाभ मिलेगा। दूध पर भी बोनस देने की तैयारी की जा रही है।
विकसित किए जाएंगे आयुर्वेदिक केन्द्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर है, यहाँ आयुर्वेदिक औषधियों की भी भरपूर सम्पदा है। प्रदेश में आयुर्वेदिक केन्द्र भी विकसित किए जाएंगे। प्रदेश में लघु, कुटीर उद्योग तथा बहनों के स्व-सहायता समूहों के उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने व आय में वृद्धि के लिए हरसंभव व्यवस्था की जाएगी। प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप किसान, महिला, युवा और गरीब को जोड़ते हुए, उन्हें सशक्त बनाते हुए मध्यप्रदेश आगे बढ़ेगा, पंचायतें भी आत्मनिर्भर होंगी और प्रदेश की समृद्धि को बढ़ाएंगी।