संगठन को मजबूत कर मैदानी सक्रियता बढ़ाने में जुटी कांग्रेस
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कार्यकारिणी गठन के पहले वरिश्ठ नेताओं ने किया मंथन
भोपाल। चुनाव दर चुनाव मिल रही हार के बाद कांग्रेस अब संगठन को मजबूत करने की रणनीति बना रही है। लगातार हार के कारणों का भी पता लगाया था जा रहा है। साथ ही प्रदेश कांग्रेस की नई कार्यकारिणी का स्वरूप कैसा हो और किन-किन को स्थान दिया जाए, इसके लिए सभी नेताओं के साथ मंथन भी किया जा रहा है।
प्रदेश कांग्रेस में लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी सहित अन्य समितियों और वरिश्ठ पदाधिकारियों ने साथ में बैठकें कर कई बार मंथन किया है। सभी बैठकों में संगठन को एक बार फिर मजबूती के साथ खड़ा करने और कार्यकर्ता को मैदान में सक्रिय करने की बातें की और रणनीति बनाई है। इसके चलते आज फिर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक हुई। बैठक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह के साथ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कांतिलाल भूरिया भी शामिल हुए। इसके अलावा पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ भी बैठक में वर्चुअली जुड़े। माना जा रहा है कि इस बैठक में नई कार्यकारिणी पर भी चर्चा हुई है। इसके अलावा मैदानी स्तर पर संगठन को किस तरह से मजबूत किया जाए इस पर भी रणनीति बनाई गई।
दरअसल, जीतू पटवारी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद भी अब तक नई कार्यकारिणी नहीं बन पाई है। इसे लेकर भी मंथन किया गया। पटवारी जल्द ही अपनी नई कार्यकारिणी का गठन करना चाह रहे हैं, जिसमें जिलाध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी। इसके अलावा प्रदेश स्तर पर भी संगठन को नए सिरे से गठित किया जाएगा। जबकि सरकार के विरोधी मुद्दों को भी अब उठाया जाएगा।
उपचुनावों पर भी जोर
प्रदेश की दो और विधानसभा सीटों पर जल्द ही उपचुनाव होने वाले हैं। ऐसे में कांग्रेस का जोर इस पर भी है कि अमरवाड़ा के बाद बुधनी और विजयपुर विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भी मजबूती से काम किया जाए और पार्टी इन सीटों पर जीत हासिल करें। अमरवाड़ा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भले ही हार का सामना करना पड़ा, लेकिन पार्टी ने मजबूती से यह चुनाव लड़ा और भाजपा को आसान जीत नहीं मिले दी।
भोपाल। चुनाव दर चुनाव मिल रही हार के बाद कांग्रेस अब संगठन को मजबूत करने की रणनीति बना रही है। लगातार हार के कारणों का भी पता लगाया था जा रहा है। साथ ही प्रदेश कांग्रेस की नई कार्यकारिणी का स्वरूप कैसा हो और किन-किन को स्थान दिया जाए, इसके लिए सभी नेताओं के साथ मंथन भी किया जा रहा है।
प्रदेश कांग्रेस में लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी सहित अन्य समितियों और वरिश्ठ पदाधिकारियों ने साथ में बैठकें कर कई बार मंथन किया है। सभी बैठकों में संगठन को एक बार फिर मजबूती के साथ खड़ा करने और कार्यकर्ता को मैदान में सक्रिय करने की बातें की और रणनीति बनाई है। इसके चलते आज फिर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक हुई। बैठक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह के साथ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कांतिलाल भूरिया भी शामिल हुए। इसके अलावा पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ भी बैठक में वर्चुअली जुड़े। माना जा रहा है कि इस बैठक में नई कार्यकारिणी पर भी चर्चा हुई है। इसके अलावा मैदानी स्तर पर संगठन को किस तरह से मजबूत किया जाए इस पर भी रणनीति बनाई गई।
दरअसल, जीतू पटवारी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद भी अब तक नई कार्यकारिणी नहीं बन पाई है। इसे लेकर भी मंथन किया गया। पटवारी जल्द ही अपनी नई कार्यकारिणी का गठन करना चाह रहे हैं, जिसमें जिलाध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी। इसके अलावा प्रदेश स्तर पर भी संगठन को नए सिरे से गठित किया जाएगा। जबकि सरकार के विरोधी मुद्दों को भी अब उठाया जाएगा।
उपचुनावों पर भी जोर
प्रदेश की दो और विधानसभा सीटों पर जल्द ही उपचुनाव होने वाले हैं। ऐसे में कांग्रेस का जोर इस पर भी है कि अमरवाड़ा के बाद बुधनी और विजयपुर विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भी मजबूती से काम किया जाए और पार्टी इन सीटों पर जीत हासिल करें। अमरवाड़ा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भले ही हार का सामना करना पड़ा, लेकिन पार्टी ने मजबूती से यह चुनाव लड़ा और भाजपा को आसान जीत नहीं मिले दी।