आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने अधिकारियों की बनाई समिति
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भोपाल। आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या से निजात पाने के लिए अब प्रदेश में आईएएस अधिकारियों की एक समिति बनाई जाएगी। यह समिति समाज सेवी संस्थाओं के साथ इस समस्या से कैसे निपटे इसका हल खोजेगी।
प्रदेश के ष्शहरों में आवारा कुत्तों के काटने की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। इसके चलते नगरीय निकायों की चिंता भी लगातार बढ़ती जा रही है। कुत्तों के बंध्याकरण किए जाने के बाद भी इस तरह की घटनाएं नहीं रूक रही, इसके चलते अब सरकार ने इसका हल खोलने के लिए समाज सेवी संस्थाओं के साथ काम करने का फैसला लिया है। इसके चलते सरकार अब आईएएस अफसरों की एक समिति बनाई है, जो प्रदेश भर में इस समस्या के समाधान के लिए काम करेगी।
सामान्य प्रशासन विभाग ने आवारा कुत्तों के नियंत्रण के लिए आदेश जारी किया है, जिसके तहत सात आईएएस अधिकारियों की एक समिति का गठन किया गया है। इस समिति में कई वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया गया है जो इस समस्या के समाधान के लिए कार्य करेंगे। प्रदेश में आवारा कुत्तों की समस्या इतनी गंभीर हो गई है कि मंत्रालय परिसर तक में कुत्तों का आंतक देखा गया है। गौरतलब है कि साल 2022 में कुत्ते के काटने की कुल 8,124 घटनाएं दर्ज की गईं, जबकि 2023 में यह संख्या बढ़कर 16,387 हो गई। 2024 के पहले पांच महीनों में भी कुत्तों के काटने के 7,728 मामले सामने आए हैं।
प्रदेश के ष्शहरों में आवारा कुत्तों के काटने की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। इसके चलते नगरीय निकायों की चिंता भी लगातार बढ़ती जा रही है। कुत्तों के बंध्याकरण किए जाने के बाद भी इस तरह की घटनाएं नहीं रूक रही, इसके चलते अब सरकार ने इसका हल खोलने के लिए समाज सेवी संस्थाओं के साथ काम करने का फैसला लिया है। इसके चलते सरकार अब आईएएस अफसरों की एक समिति बनाई है, जो प्रदेश भर में इस समस्या के समाधान के लिए काम करेगी।
सामान्य प्रशासन विभाग ने आवारा कुत्तों के नियंत्रण के लिए आदेश जारी किया है, जिसके तहत सात आईएएस अधिकारियों की एक समिति का गठन किया गया है। इस समिति में कई वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया गया है जो इस समस्या के समाधान के लिए कार्य करेंगे। प्रदेश में आवारा कुत्तों की समस्या इतनी गंभीर हो गई है कि मंत्रालय परिसर तक में कुत्तों का आंतक देखा गया है। गौरतलब है कि साल 2022 में कुत्ते के काटने की कुल 8,124 घटनाएं दर्ज की गईं, जबकि 2023 में यह संख्या बढ़कर 16,387 हो गई। 2024 के पहले पांच महीनों में भी कुत्तों के काटने के 7,728 मामले सामने आए हैं।