आदिवासी बोली, भाषा की समझ रखने वाले शिक्षक नियुक्त किए जाएं
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भोपाल। जनजातीय कार्य मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री जुएल उरांव और मंत्रालय सचिव को सैलाना के विधायक कमलेश्वर डोडियार ने पत्र लिखकर संविधान के अनुच्छेद 275 के तहत आवंटित आदिवासी बजट से संचालित देश भर में आदिवासी छात्रों के लिए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षको की योग्यता में जनजातीय बोली, भाषा और संस्कृति संबंधी ज्ञान की मांग की है। डोडियार केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र में बताया कि अध्यापकों एवं अन्य स्टाफ की नियुक्ति नेशनल एजुकेशन सोसायटी फॉर ट्रायब्ल स्टूडेन्ट्स द्वारा केन्द्रीय स्तर की परीक्षा के माध्यम से की जा रही हैं, जिसमें अंग्रेजी एवं हिन्दी का ज्ञान आवश्यक हैं, जिसमे आदिवासी बोलियों, भाषाओं और संस्कृति को कोई महत्व नहीं दिया है और न ही अलग-अलग राज्यों में बोले जाने वाली भाषा का भी प्रावधान हैं। जबकि आदिवासी छात्रों के लिये बनाये विद्यालयों में आदिवासी बोली, भाषा एवं संस्कृति का ज्ञान रखने वाले शिक्षकों एवं अन्य स्टॉफ की आवश्यकता है क्योंकि आदिवासी बच्चे अपनी मातृ बोली या भाषा के अलावा अन्य भाषा में आसानी से शिक्षा प्राप्त नही कर पा रहे हैं। डोडियार ने मांग की है कि देश में संचालित एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में आदिवासी बोली, भाषा व संस्कृति की समझ रखने वाले शिक्षक और अन्य स्टाफ नियुक्त किया जाए।