MP: MPPSC के 13 प्रतिशत रिजल्ट होल्ड, 50 हजार रुपए का सरकार पर जुर्माना, हाईकोर्ट ने कहा लापरवाह अधिकारी से की जाए वसूली
एमपी में मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग ( MPPSC) के 13 प्रतिशत छात्रों का रिजल्ट होल्ड करने पर MP हाई कोर्ट ने राज्य सरकार पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि जिस अधिकारी ने लापरवाही बरती है, जुर्माना की राशि भी उसी से वसूल की जाए.
जस्टिस राजमोहन सिंह व जस्टिस देवनारायण मिश्र की डबल बैंच ने मामले में सुनवाई की. कोर्ट ने दो सप्ताह में 13 प्रतिशत कैंडिडेट्स की लिस्ट के साथ पेश होने को कहा है. इस मामले में अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी. मध्यप्रदेश सरकार ने OBC आरक्षण 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 प्रतिशत तक कर दिया. मामला हाईकोर्ट में गया तो 14 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण देने पर रोक लगा दी गई. शासन ने इसका तोड़ निकाला कि उन्होंने 87-13 प्रतिशत फॉर्मूला लागू कर दिया था. OBC आरक्षण 14 प्रतिशत के हिसाब से 87 प्रतिशत रिजल्ट जारी किया गया. 13 प्रतिशत OBC और आरक्षित दोनों के लिए अलग रखा. राज्य सरकार ने कहा कि जब OBC आरक्षण पर अंतिम फैसला होगा तब रिजल्ट जारी किया जाएगा. साल 2019 के बाद 2020, 2021 के भी अंतिम रिजल्ट जारी हो गए. सभी 13 प्रतिशत पद रुके हैं. यही नहीं जो भी उम्मीदवार 13 फीसदी में है उन्हें पता नहीं कि उनके कितने अंक हैं. 2019 में PSC की कुछ महिला उम्मीदवारों ने याचिका लगाई थी कि अभी तक उन्हें 13 प्रतिशत रिजल्ट नहीं बताया गया है. इस पर 4 अप्रैल को हाईकोर्ट की डबल बेंच ने मध्य प्रदेश सरकार और PSC को आदेश दिए थे कि हर हाल में रोके गए रिजल्ट की सूची सार्वजनिक की जाए लेकिन राज्य सरकार और MPPSC ने इसका पालन नहीं किया. याचिकाकर्ता के वकील अंशुमान सिंह ने बताया कि सुनवाई के दौरान जब कोर्ट ने सरकार से प्रश्र करते हुए 13 प्रतिशत रोके गए रिजल्ट की जानकारी मांगी तो इसका जवाब पास नहीं था. इस पर कोर्ट नाराज हो गया. कोर्ट ने कहा क्यों न इस मामले पर भारी जुर्माना लगाई जाए. कोर्ट ने अंतिम अवसर देते हुए कहा है कि आगामी 31 जुलाई तक हर हाल में राज्य सरकार को जवाब देना होगा.