संविदा के स्थान पर परमानेंट कर दिया आउटसोर्स कर्मचारियों को
उच्च शिक्षा विभाग ने प्राचार्यों से मंगवाई जानकारी
भोपाल। प्रदेश के कुछ प्राचार्यों ने बिना शासन के आदेश के संविदा कर्मचारियों के स्थान पर आउटसोर्स कर्मचारियों को परमानेंट कर दिया। यह मामला तब सामने आया जब विधानसभा सत्र के दौरान विभाग से जानकारी मांगी गई। इसके बाद विभाग के संज्ञान में यह मामला आया। विभाग ने अब सभी प्राचार्यों से इस संबंध में जानकारी मांगी है। बताया जाता है कि परमानेंट किए गए कर्मचारियों की संख्या करीब सात हजार है।
प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में संविदा कर्मियों की जगह आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्त की गई। यह जानकारी उच्च शिक्षा विभाग ने मध्यप्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र में दी। जिसके आधार पर आयुक्त ने कॉलेजों के प्राचार्यों से जानकारी मांगी है। उन्होंने तीन दिन के अंदर प्राचार्यों को जानकारी देने के लिए कहा है। विधानसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक, राज्य के शासकीय कॉलेजों में नियमों की अनदेखी की गई। प्राचार्य ने 7 हजार कर्मचारियों को परमानेंट किया है। 7 हजार वेतन भोगियों का स्थाईकरण करने पर अब आयुक्त ने सरकारी कॉलेजों से जानकारी मांगी है।
क्या कहा है आदेश में
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा पूर्व में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी पद संविदा , आउटसोर्स से स्वीकृत किए गए थे। इन पदों को प्रदेश के कुछ प्राचार्यों द्वारा बिना शासन के आदेश के केवल संविदा मान्य किया जा रहा है। भले ही इन पदों की पूर्ति संविदा नियम से न हुई हो। संविदा, आउटसोर्स पदों को केवल संविदा मान्य कर जानकारी प्रेषित की जा रही है, जो कुछ प्राचार्यों की गंभीरता प्रशासनिक त्रुटि है। अतः उन सभी प्राचार्यों को आवेशित किया जाता है जिन्होंने संविदा, आउटसोर्स के पदों को केवल संविदा मान लिया है। अतः सभी प्राचार्य संविदा हेतु मान्य किए गए पदों की नियुक्ति के लिए किए गए अनुबंध की प्रतियां, अनुबंध नवीनीकरण की प्रतियां कार्यालय को भेजें। आदेश में कहा गया है कि विभाग द्वारा मांगी जानकारी उपलब्ध ना कराने पर संबंधित प्राचार्य के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।