समीक्षा बैठक से बड़े नेताओं ने बनाई दूरी
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फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने की पदाधिकारियों से चर्चा
भोपाल। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को प्रदेश में मिली करारी हार के बाद अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी हार की समीक्षा करने आई है। कमेटी ने आज दूसरे दिन समीक्षा बैठक बुलाई थी। इस बैठक में कांग्रेस के बड़े नेताओं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, पूर्व नेता प्रतिपक्ष डा गोविंद सिंह नहीं पहुंचे।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आज रविवार को सुबह 10 बजे से आयोजित इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ही नहीं, बल्कि पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह व चुरहट विधायक अजय सिंह भी गैरहाजिर हैं। जबकि, यह चारों नेता पॉलिटिकल अफेयर कमेटी में सदस्य थे। दिग्विजय सिंह राजगढ़ और कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ छिंदवाड़ा में प्रत्याशी थे। अजय सिंह को विंध्य और गोविंद सिंह को ग्वालियर चंबल की सीटें जिताने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
गौरतलब है कि कांग्रेस की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी लोकसभा चुनाव में मिली हार का विश्लेषण करने के लिए आई है। कमेटी में महाराष्ट्र के पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण सहित अन्य नेता शामिल हैं। शनिवार को इन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशियों से चर्चा कर हार की वजह पूछी। जिसमें लगभग सभी ने दल-बदल, कमजोर संगठन, भितरघात और टिकट में देरी को हार की वजह मानी।
कांग्रेस को उबरने में लगेगा समय
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कांग्रेस की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की बैठक पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को हार की समीक्षा करनी चाहिए, हमारी सहानुभूति उनके साथ है। उन्हें विचार करना चाहिए कि 230 में 207 विधानसभा कांग्रेस क्यों हार गई है। लोकतंत्र में केवल एक ही पार्टी हो ऐसा नहीं हो सकता है। मध्यप्रदेश में कांग्रेस को उबरने में समय लगेगा। हम बूथबूथ पर जाकर मेहनत करते हैं।
पकड़ में आ गई हार की बीमारी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी समीक्षा बैठक के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि बैठक के दौरान हार की बीमारी पकड़ में आई है। हार की बीमारी का इलाज करेंगे। हार की समीक्षा की गई। हार की बीमारी का कारण पकड़ में आ चुका है। बैठक में हार के कई चौंकाने वाले परिणाम आए हैं।
भोपाल। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को प्रदेश में मिली करारी हार के बाद अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी हार की समीक्षा करने आई है। कमेटी ने आज दूसरे दिन समीक्षा बैठक बुलाई थी। इस बैठक में कांग्रेस के बड़े नेताओं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, पूर्व नेता प्रतिपक्ष डा गोविंद सिंह नहीं पहुंचे।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आज रविवार को सुबह 10 बजे से आयोजित इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ही नहीं, बल्कि पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह व चुरहट विधायक अजय सिंह भी गैरहाजिर हैं। जबकि, यह चारों नेता पॉलिटिकल अफेयर कमेटी में सदस्य थे। दिग्विजय सिंह राजगढ़ और कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ छिंदवाड़ा में प्रत्याशी थे। अजय सिंह को विंध्य और गोविंद सिंह को ग्वालियर चंबल की सीटें जिताने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
गौरतलब है कि कांग्रेस की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी लोकसभा चुनाव में मिली हार का विश्लेषण करने के लिए आई है। कमेटी में महाराष्ट्र के पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण सहित अन्य नेता शामिल हैं। शनिवार को इन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशियों से चर्चा कर हार की वजह पूछी। जिसमें लगभग सभी ने दल-बदल, कमजोर संगठन, भितरघात और टिकट में देरी को हार की वजह मानी।
कांग्रेस को उबरने में लगेगा समय
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कांग्रेस की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की बैठक पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को हार की समीक्षा करनी चाहिए, हमारी सहानुभूति उनके साथ है। उन्हें विचार करना चाहिए कि 230 में 207 विधानसभा कांग्रेस क्यों हार गई है। लोकतंत्र में केवल एक ही पार्टी हो ऐसा नहीं हो सकता है। मध्यप्रदेश में कांग्रेस को उबरने में समय लगेगा। हम बूथबूथ पर जाकर मेहनत करते हैं।
पकड़ में आ गई हार की बीमारी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी समीक्षा बैठक के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि बैठक के दौरान हार की बीमारी पकड़ में आई है। हार की बीमारी का इलाज करेंगे। हार की समीक्षा की गई। हार की बीमारी का कारण पकड़ में आ चुका है। बैठक में हार के कई चौंकाने वाले परिणाम आए हैं।