आप खुद चुप हैं या पर्ची देकर चुप कराया है ?
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नेता प्रतिपक्ष ने पूछा स्वास्थ्य मंत्री ने
भोपाल। प्रदेश में हुए नर्सिंग घोटाले को लेकर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल द्वारा नर्सिंग कॉलजों की परीक्षाओं को लेकर की गई समीक्षा के बाद नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने मंत्री से पूछा है कि इस मामले में आप खुद चुप हैं, या फिर आपको पर्ची देकर चुप कराया गया है?
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने नर्सिंग कॉलेज की परीक्षाओं की समीक्षा ऐसे की जैसे सब कुछ सामान्य है। शायद वे ये भूल गए कि नर्सिंग-फर्जीवाड़े ने प्रदेश की भाजपा सरकार के कई चेहरे शामिल है। अब यदि ऐसे माहौल में यदि 3 साल बाद परीक्षाएं होती भी हैं, तो उसकी विश्वसनीयता तो संदिग्ध ही होगी। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि फर्जीवाड़े वाले कॉलेजों में परीक्षाओं का ईमानदारी से होना कैसे संभव है? उप मुख्यमंत्री बेहतर हो कि उससे पहले राजनीति और नौकरशाही में बैठे इस फर्जीवाड़े के जिम्मेदार मगरमच्छो को सजा दी जाए। उन्होंने कहा कि जब तक इन्हें व्यवस्था से बाहर नहीं किया जाता, नर्सिंग परीक्षाओं पर भी संदेह की काली छाया बनी रहेगी। सिंघार ने कहा कि आश्चर्य तो यह भी है कि स्वास्थ्य मंत्री होते हुए आप इस मामले में खामोश क्यों हैं? आप खुद चुप हैं या आपको “पर्ची“ दे कर चुप कराया गया है?
भोपाल। प्रदेश में हुए नर्सिंग घोटाले को लेकर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल द्वारा नर्सिंग कॉलजों की परीक्षाओं को लेकर की गई समीक्षा के बाद नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने मंत्री से पूछा है कि इस मामले में आप खुद चुप हैं, या फिर आपको पर्ची देकर चुप कराया गया है?
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने नर्सिंग कॉलेज की परीक्षाओं की समीक्षा ऐसे की जैसे सब कुछ सामान्य है। शायद वे ये भूल गए कि नर्सिंग-फर्जीवाड़े ने प्रदेश की भाजपा सरकार के कई चेहरे शामिल है। अब यदि ऐसे माहौल में यदि 3 साल बाद परीक्षाएं होती भी हैं, तो उसकी विश्वसनीयता तो संदिग्ध ही होगी। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि फर्जीवाड़े वाले कॉलेजों में परीक्षाओं का ईमानदारी से होना कैसे संभव है? उप मुख्यमंत्री बेहतर हो कि उससे पहले राजनीति और नौकरशाही में बैठे इस फर्जीवाड़े के जिम्मेदार मगरमच्छो को सजा दी जाए। उन्होंने कहा कि जब तक इन्हें व्यवस्था से बाहर नहीं किया जाता, नर्सिंग परीक्षाओं पर भी संदेह की काली छाया बनी रहेगी। सिंघार ने कहा कि आश्चर्य तो यह भी है कि स्वास्थ्य मंत्री होते हुए आप इस मामले में खामोश क्यों हैं? आप खुद चुप हैं या आपको “पर्ची“ दे कर चुप कराया गया है?