आपातकाल की संघर्ष गाथा पढ़ेंगे विद्यार्थी
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मिसाबंदियों को एयर टैक्सी के किराए में मिलेगी छूट
भोपाल। मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में अब आपातकाल के संघर्ष की गाथा पढाई जाएगी। स्कूली पाठ्यक्रम में इसे ष्शामिल किया जाएगा। आपातकाल के कष्टों से वर्तमान पीढ़ी को अवगत कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि मीसाबंदियों को एयर टैक्सी में भी छूट दी जाएगी।
मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने यह बात आज मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित मीसाबंदियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि सर्किट हाऊस और विश्राम गृह में तीन दिन तक रूकने की सुविधा तथा किराये में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाएगी। जिन लोकतंत्र सेनानियों को अब तक ताम्रपत्र प्राप्त नहीं हुए हैं उन्हें ताम्रपत्र उपलब्ध कराए जाएंगे। लोकतंत्र सेनानियों को पास दिखाने पर टोल नाकों पर भी छूट रहेगी। उनके आयुष्मान कार्ड द्वारा इलाज पर हुए व्यय के भुगतान में विलम्ब नहीं होगा। क्लेक्टर द्वारा तीन माह में भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा। गंभीर स्वास्थ्य समस्या की स्थिति में उपचार के लिए बड़े अस्पताल या अन्य महानगर जाने के लिए उन्हें एयर एम्बुलेंस सुविधा उपलाब्ध कराई जाएगी। प्रदेश में आरंभ एयर टैक्सी सुविधा के अंतर्गत किराए में 25 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री निवास मुख्यमंत्री का निवास नहीं, अपितु लोकतांत्रिक व्यवस्था का एक भाग है, और लोकतंत्र सेनानी लोकतांत्रिक व्यवस्था के सर्वाधिक सम्मानित व्यक्ति हैं। मुख्यमंत्री निवास में ससम्मान आना उनका अधिकार और सेनानियों का स्वागत व सम्मान करना हमारा कर्तव्य है, लोकतंत्र सेनानी मुख्यमंत्री निवास पधारे, यह हमारा सौभाग्य है।
राष्ट्रीय सम्मान के साथ की जाएगी अंत्येष्टि
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों की राष्ट्रीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही अंत्येष्ठी के समय दी जाने वाली आठ हजार रुपए की राशि को दस हजार रुपए किया जाएगा। लोकतंत्र सेनानियों के परिवार के सदस्यों को उद्योग धंधे लगाने अथवा अन्य व्यावसायिक गतिविधियों के लिए आवश्यक प्रशिक्षण उपलब्ध कराकर उनके रोजगार की व्यवस्था की जाएगी।
प्रेस, आम आदमी को भी डाला कारावास में
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज दायित्व संभालने के बाद लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर में अपनी भावना व्यक्त करते हुए लोकतांत्रिक व्यवस्था में हुई आपातकाल की महत्वपूर्ण घटना के बारे में बताया, जो मीसाबंदियों के जीवन का सबसे खराब दौर था। तत्कालीन प्रधानमंत्री ने प्रेस, आम जनता और विपक्षी दलों के लोगों को कारावास में डाल दिया था। उन्होंने ज्यादतियों का पूरा दौर चलाया। लोकतंत्र सेनानियों द्वारा इसका विरोध कर संघर्ष किया गया। इन सेनानियों में सच्चे अर्थों में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को स्थापित किया।
भोपाल। मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में अब आपातकाल के संघर्ष की गाथा पढाई जाएगी। स्कूली पाठ्यक्रम में इसे ष्शामिल किया जाएगा। आपातकाल के कष्टों से वर्तमान पीढ़ी को अवगत कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि मीसाबंदियों को एयर टैक्सी में भी छूट दी जाएगी।
मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने यह बात आज मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित मीसाबंदियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि सर्किट हाऊस और विश्राम गृह में तीन दिन तक रूकने की सुविधा तथा किराये में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाएगी। जिन लोकतंत्र सेनानियों को अब तक ताम्रपत्र प्राप्त नहीं हुए हैं उन्हें ताम्रपत्र उपलब्ध कराए जाएंगे। लोकतंत्र सेनानियों को पास दिखाने पर टोल नाकों पर भी छूट रहेगी। उनके आयुष्मान कार्ड द्वारा इलाज पर हुए व्यय के भुगतान में विलम्ब नहीं होगा। क्लेक्टर द्वारा तीन माह में भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा। गंभीर स्वास्थ्य समस्या की स्थिति में उपचार के लिए बड़े अस्पताल या अन्य महानगर जाने के लिए उन्हें एयर एम्बुलेंस सुविधा उपलाब्ध कराई जाएगी। प्रदेश में आरंभ एयर टैक्सी सुविधा के अंतर्गत किराए में 25 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री निवास मुख्यमंत्री का निवास नहीं, अपितु लोकतांत्रिक व्यवस्था का एक भाग है, और लोकतंत्र सेनानी लोकतांत्रिक व्यवस्था के सर्वाधिक सम्मानित व्यक्ति हैं। मुख्यमंत्री निवास में ससम्मान आना उनका अधिकार और सेनानियों का स्वागत व सम्मान करना हमारा कर्तव्य है, लोकतंत्र सेनानी मुख्यमंत्री निवास पधारे, यह हमारा सौभाग्य है।
राष्ट्रीय सम्मान के साथ की जाएगी अंत्येष्टि
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों की राष्ट्रीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही अंत्येष्ठी के समय दी जाने वाली आठ हजार रुपए की राशि को दस हजार रुपए किया जाएगा। लोकतंत्र सेनानियों के परिवार के सदस्यों को उद्योग धंधे लगाने अथवा अन्य व्यावसायिक गतिविधियों के लिए आवश्यक प्रशिक्षण उपलब्ध कराकर उनके रोजगार की व्यवस्था की जाएगी।
प्रेस, आम आदमी को भी डाला कारावास में
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज दायित्व संभालने के बाद लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर में अपनी भावना व्यक्त करते हुए लोकतांत्रिक व्यवस्था में हुई आपातकाल की महत्वपूर्ण घटना के बारे में बताया, जो मीसाबंदियों के जीवन का सबसे खराब दौर था। तत्कालीन प्रधानमंत्री ने प्रेस, आम जनता और विपक्षी दलों के लोगों को कारावास में डाल दिया था। उन्होंने ज्यादतियों का पूरा दौर चलाया। लोकतंत्र सेनानियों द्वारा इसका विरोध कर संघर्ष किया गया। इन सेनानियों में सच्चे अर्थों में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को स्थापित किया।