मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ संयुक्त रूप से कार्यक्रम आयोजित करें
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अभाविप के पुराने साथियों से मिले मुख्यमंत्री, यादें की ताजा
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि पड़ौसी राज्य छत्तीसगढ़ की भौगोलिक सीमा के साथ-साथ दोनों राज्यों की साझा सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विरासत है। दोनों राज्यों की सरकारों द्वारा कुछ कार्यक्रम संयुक्त रूप से आयोजित किए जा सकते हैं। व्यवस्था और प्रबंधन की दृष्टि से दो राज्य बने हैं, पर भावनात्मक रूप से हम एक हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव छत्तीसगढ़ के उप-मुख्यमंत्री अरुण साव के साथ आए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रतिनिधिमंडल को समत्व भवन में संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दोनों राज्यों के जनप्रतिनिधि राष्ट्र निर्माण को समर्पित हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ के जनप्रतिनिधियों से मध्यप्रदेश के विकास और जनकल्याण के लिए सुझाव और सहयोग का आव्हान करते हुए उन्हें अपने ज्ञान और कौशल का मध्य प्रदेश में भी विस्तार करने के लिए आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उज्जैन के ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधियों को महाकालेश्वर के साथ-साथ उज्जैन स्थित भगवान श्रीकृष्ण परंपरा, देवी परंपरा के स्थानों एवं त्रिवेणी संग्रहालय के विभिन्न आयामों की जानकारी दी। कार्यक्रम को छत्तीसगढ़ के उप-मुख्यमंत्री साव ने भी संबोधित किया।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि पड़ौसी राज्य छत्तीसगढ़ की भौगोलिक सीमा के साथ-साथ दोनों राज्यों की साझा सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विरासत है। दोनों राज्यों की सरकारों द्वारा कुछ कार्यक्रम संयुक्त रूप से आयोजित किए जा सकते हैं। व्यवस्था और प्रबंधन की दृष्टि से दो राज्य बने हैं, पर भावनात्मक रूप से हम एक हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव छत्तीसगढ़ के उप-मुख्यमंत्री अरुण साव के साथ आए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रतिनिधिमंडल को समत्व भवन में संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दोनों राज्यों के जनप्रतिनिधि राष्ट्र निर्माण को समर्पित हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ के जनप्रतिनिधियों से मध्यप्रदेश के विकास और जनकल्याण के लिए सुझाव और सहयोग का आव्हान करते हुए उन्हें अपने ज्ञान और कौशल का मध्य प्रदेश में भी विस्तार करने के लिए आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उज्जैन के ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधियों को महाकालेश्वर के साथ-साथ उज्जैन स्थित भगवान श्रीकृष्ण परंपरा, देवी परंपरा के स्थानों एवं त्रिवेणी संग्रहालय के विभिन्न आयामों की जानकारी दी। कार्यक्रम को छत्तीसगढ़ के उप-मुख्यमंत्री साव ने भी संबोधित किया।