पश्चिम बंगाल के दो नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ पर ग्रहण, राजभवन-सरकार के बीच खींचतान
कोलकाता. पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के दो नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ ग्रहण समारोह पर संशय बरकरार है. इस बीच, विधानसभा के सचिव ने राजभवन को नये सिरे से पत्र लिखकर समारोह की जल्द मंजूरी का आग्रह किया है. विधानसभा सचिव ने राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस के कार्यालय को दूसरी बार इस तरह का पत्र भेजा है. पहला पत्र 15 जून को भेजा गया था.
तृणमूल कांग्रेस के रैयत हुसैन सरकार भगवान गोला विधानसभा सीट से और सयंतिका बनर्जी बारानगर सीट से उपचुनावों में विजयी हुई थीं. सूत्रों ने बताया कि उनके निर्वाचन को 18 दिन बीत गये हैं, लेकिन उनका शपथ ग्रहण नबन्ना स्थित राज्य सचिवालय और राजभवन के बीच तकनीकी गड़बडिय़ों में अटक गया है.
राजभवन के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि राज्यपाल कार्यालय को प्राप्त दोनों पत्रों में प्रक्रियागत खामियां हैं. नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ ग्रहण के लिए राज्य के संसदीय कार्य विभाग से राजभवन में राज्यपाल कार्यालय को संदेश भेजा जाना है, न कि विधानसभा सचिव की तरफ से.
उन्होंने बताया कि पहले पत्र के बाद राज्यपाल कार्यालय ने विधानसभा को एक पत्र भेजकर सदन में वरिष्ठतम सदस्यों की संख्या, अनुसूचित जाति या जनजाति के विधायकों की संख्या आदि के बारे में जानकारी मांगी थी, लेकिन इनका जवाब देने की बजाय विधानसभा सचिव ने पत्र भेजकर शपथ ग्रहण समारोह जल्द आयोजित करने का अनुरोध किया है.